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Wednesday, December 14, 2016
Saturday, June 18, 2016
NiTiN SINGH
NITIN SINGH......................|
How To Improve Self Confidence In Hindi
आत्मविश्वास कैसे बढाएं
आत्मविश्वास (Self Confidence) :-
आत्मविश्वास से आशय “स्वंय पर विश्वास एंव नियंत्रण” (Believe in Yourself)
से है | हमारे जीवन में आत्मविश्वास (Self Confidence) का होना उतना ही
आवश्यक है जितना किसी फूल (Flower) में खुशबू (सुगंध) का होना| आत्मविश्वास
(Self Confidence) के बगैर हमारी जिंदगी (Life) एक जिन्दा लाश के समान हो
जाती है| कोई भी व्यक्ति कितना भी प्रतिभाशाली (Intelligent) क्यों न हो वह
आत्मविश्वास के बिना कुछ नहीं कर सकता| आत्मविश्वास ही सफलता (Success) की
नींव है, आत्मविश्वास की कमी के कारण व्यक्ति अपने द्वारा किये गए कार्य
पर संदेह करता है और नकारात्मक विचारों (Negative Thoughts) के जाल में फंस
जाता है| आत्मविश्वास (Self Confidence) उसी व्यक्ति के पास होता है जो
स्वंय से संतुष्ट होता है एंव जिसके पास दृड़ निश्चय, मेहनत (Hard work),
लगन (Focused), साहस (Fearless ) , वचनबद्धता (Commitment) आदि संस्कारों
(Sanskar) की सम्पति होती है|
आत्मविश्वास कैसे बढाएं:- 21 Tips to Improve Self Confidence – In Hindi
1. स्वंय पर विश्वास रखें (Believe in Yourself), लक्ष्य बनायें (Make SMART goals)
एंव उन्हें पूरा करने के लिए वचनबद्ध रहें| जब आप अपने द्वारा बनाये गए
लक्ष्य (Goals) को पूरा करते है तो यह आपके आत्मविश्वास (Self Confidence)
को कई गुना बढ़ा देता है|
2.
ऐसे लक्ष्य (S.M.A.R.T. Goal) बनाएँ जिसे आप प्राप्त कर सकें (Achievable
and Realistic Goals)| क्योंकि जब आप ऐसे लक्ष्य (TARGET) बनाते है जिसे आप
पूरा नहीं कर सकते तो यह आपके self confidence (Aatmvishwash) को गिरा
देते है और आपका स्वंय पर विश्वास कम हो जाता है | लक्ष्य S.M.A.R.T. होना
चाहिए- Specific (स्पष्ट)
– Measurable (मापां जा सकने योग्य)
– Achievable (प्राप्त किया जा सके),
– Realistic (वास्तविक)
-Time-Bound (निर्धारित समय सीमा में पूरा होने लायक)
– Achievable (प्राप्त किया जा सके),
– Realistic (वास्तविक)
-Time-Bound (निर्धारित समय सीमा में पूरा होने लायक)
3. खुश रहें (Be Happy), खुद को प्रेरित करें (Motivate Yourself), असफलता (Failure) से दुखी न होकर उससे सीख लें क्योंकि “experience हमेशा bad experience से ही आता है”
4.
हमेशा आसान काम पहले करें और मुश्किल काम बाद में| क्योंकि जब आप पहले
आसान कार्य अच्छे से कर लेते है तो दबाव कम हो जाता है और confidence बढ़ता
है जिससे मुश्किल कार्य भी आसान बन जाता है|
5. सकारात्मक सोचें (Think Positive) , विनम्र रहें एंव दिन की शुरुआत किसी अच्छे कार्य से करें (starting the day with a positive attitude)|
6. इस दुनिया में नामुनकिन कुछ भी नहीं है – Nothing is Impossible in this world|
आत्मविश्वास का सबसे बड़ा दुशमन किसी भी कार्य को करने में असफलता होने का
“डर” (Fear of Failure) है एंव डर को हटाना है तो वह कार्य अवश्य करें
जिसमें आपको डर लगता है| – Darr ke aage jeet hai
7. आप यह मत सोचिये कि लोग आपके बारे में क्या सोचेंगे :- “सबसे बड़ा यही रोग क्या कहेंगे लोग (Sabse bada rog kya kahenge log)| ज्यादातर
लोग कोई भी कार्य करने से पहले कई बार यह सोचते है की वह कार्य करने से
लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे या क्या कहेंगे और इसलिए वे कोई निर्णय ले
ही नहीं पाते एंव सोचते ही रह जाते है एंव समय उनके हाथ से पानी की तरह
निकल जाता है| ऐसे लोग हमेशा डर-डर के जीते है और बाद में पछताते हैं|
इसलिए दोस्तों ज्यादा मत सोचिये जो आपको सही लगे वह कीजिये क्योंकि शायद ही
कोई ऐसा कार्य होगा जो सभी लोगों को एक साथ पसंद आये|
8.
सच बोलें, ईमानदार रहें, धूम्रपान न करें, प्रकृति से जुड़े, अच्छे (Good)
कार्य करें , जरुरतमंद की मदद करें (Be Helpful)| क्योंकि ऐसे कार्य आपको
सकारात्मक शक्ति (positive power) देते हैं वही दूसरी ओर गलत कार्य एंव
बुरी आदतें (Bad Habits) हमारे आत्मविश्वास को गिरा देते हैं|
9. वह कार्य करें जिसमें आपकी रुचि हो एंव कोशिश करें कि अपने करियर (Career) को उसी दिशा में आगे ले जिसमें आपकी रुचि हो|
10.
अच्छे दिखिए और अपना Dressing Sense Improve कीजिये| दूसरों की देखा-देखी
मत कीजिए, वह पहनिए जो आपको comfortable लगे| कपड़े कम खरीदिये लेकिन अच्छे
खरीदिये|
11.
व्यवहारकुशल बनें और हमेशा नम्रता व मुस्कराहट (Smile) के साथ व्यवहार
करें| इससे न केवल आपका आत्मविश्वास (Self Confidence) बढेगा बल्कि इससे
आपके अच्छे मित्रों की संख्या भी बढ़ेगी| अच्छे मित्र हमेशा मदद करने के लिए
तैयार रहते है और आपके सुख दुःख में हमेशा आपके साथ होते है|
12. Motivational Seminars में हिस्सा लें, ऐसे Television Program या videos देखें जो आपको inspire or motivate करे, Self Improvement and Personal Development
की किताबे एंव प्रेरणादायक लेख (Motivational Articles) पढ़े| ऐसे
प्रेरणादायक लेख (Motivational Articles) एंव किताबें हमारे mind को
recharge कर देती है|
13. वर्तमान में जियें (Live in Present) क्योंकि न तो भूतकाल एंव न ही भविष्यकाल पर हमारा नियंत्रण है|
14. सकारात्मक सोचें (Think Positive), अच्छे मित्र बनायें (Make Good Friends), बच्चों से दोस्तीं करें और आत्मचिंतन करें|
15. Meditation (ध्यान),
योग (Yoga) एंव प्राणायाम (pranayam) करें| अपने लिए समय निकालें और कुछ
समय एकांत में बिताएं| स्वंय से बात करें (Talk to Yourself) और यह Feel
(महसूस) करें कि आप एक बेहतर इन्सान है|
16.
अपनी सफलताओं को याद करें और visualize (कल्पना) करें कि आप कुछ भी कर
सकते है (You can do anything) और आपके लिए नामुकिन कुछ भी नहीं (Nothing
is Impossible for You)|
17. हमेशा चिंतामुक्त (Tension Free) रहने की आदत बनायें, रचनात्मक तरीके से सोचें (Creative Thinking) और कुछ न कुछ नया करते रहें (Do Something New and Creative)| दिन में कुछ समय संगीत सुनने, खेलने अथवा रचनात्मक कार्यों के लिए जरूर निकालें (Do something different)|
18. आत्मनिर्भर बनें एंव जितना हो सके अपने कार्य स्वंय करने की कोशिश करें| आत्मनिर्भरता से आपका confidence लेवल बढ़ता है|
19.
या तो ऐसे कार्य न करें जिसमे आपका interest नहीं और और आप अपना 100% नहीं
दे सकते या फिर इन कार्यों में अपना interest बनाएं और Best करें| क्योंकि
जब आप बिना interest के कोई काम करते है तो आप का confidence level गिरता
है|
20. उस बारे में सोचना बंद कर दें जिस पर हमारा नियंत्रण न हो| “अगर
आप उस बातों या परिस्थियों की वजह से दुखी हो जाते है जो आपके नियंत्रण
में नहीं है तो इसका परिणाम समय की बर्बादी व भविष्य पछतावा है जिससे आपका
self confidence गिरता है|
21. दृढ निश्चय (Commitment) :- आप अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहें और अपना 100% दें | मेहनत
व लगन से बड़े से बड़ा मुश्किल कार्य आसान हो जाता है| अगर लक्ष्य को
प्राप्त करना है तो बीच में आने वाली बाधाओं को पार करना होगा, मेहनत करनी
होगी, बार बार दृढ़ निश्चय से कोशिश करनी होगी|
“असफल लोगों के पास बचने का एकमात्र साधन यह होता है कि वे मुसीबत आने पर अपने लक्ष्य को बदल देते है|”
अगर
आपको सफल होना है तो अपने लक्ष्य पूरे करने की आदत बनाईये न कि उन्हें बार
बार बदलने की| अगर आपका अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ निश्चय नहीं है तो आपके
confidence का गिरना तय है|
NITIN SINGH...................... मेरे विचार से कुछ सामान्य कारण ये हो सकते है :-१- पढाई का उपयुक्त माहौल का न होना ।
२- पढने का उचित समय का न होना ।
३- पढने के लिए उपयुक्त सामग्री का न होना ।
४- उचित मार्गदर्शन का न होना ।
५-अन्य कार्यो से व्यवधान ।
६- एकाग्रता की कमी होना ।
७- दृढ निश्चय का अभाव।
मेरे ख्याल से उपरोक्त सामान्य कारणों से सामान्यतः प्रतियोगी पढ़ नही पाते है , इनके अलावा भी कुछ अन्य विशेष कारण हो सकते है , जो अलग अलग लोगो के लिए अलग हो सकते है । आज हम इन्ही सामान्य कारणों की चर्चा करते है । इन कारणों में सबसे महत्वपूर्ण कारण जो है , वो है उचित मार्गदर्शन का न होना । उचित मार्गदर्शन का प्रतियोगी परीक्षाओ में अति महत्वपूर्ण स्थान है । जैसे आपको अगर दिल्ली जाना है , और आपको सही रास्ता मालूम नही , अगर आपको सही मार्गदर्शक नही मिला तो हो सकता है , कि आप किसी तरह से दिल्ली पहुच भी जाये मगर इसमें आपका बहुत सारा समय और धन खर्च हो सकता है । मगर सही मार्गदर्शक मिलने पर आप समय के साथ धन भी बचा सकते है , और अपनी मंजिल पर सही वक़्त पर पहुच सकते है । अतः सही ढंग से तैयारी शुरू करने के लिए एक उपयुक्त मार्गदर्शक अतिआवश्यक है । कई बार हम मेहनत और प्रयास तो बहुत करते है मगर सफलता नही मिलती है , दूसरी तरफ कुछ लोग कम मेहनत और कुछ प्रयास में ही सफल हो जाते है । इसका कारण उनका सही दिशा में सार्थक प्रयास होता है । जैसे - अगर हम कील को उल्टा पकड़कर कितनी भी जोर से दीवार में ठोंके वह नही ठुक सकती है , वही उसे सीधा कर देने पर वह थोड़े प्रयास से ही आराम से ठुक जाएगी । इसी तरह प्रतियोगी परीक्षा में सही दिशा में सही प्रयास बहुत जरुरी है ।
अब हम मूल मुद्दे पर आते है , कि कैसे हम पढाई में मन लगाये : -
सबसे पहले तो पढने के लिए एक लक्ष्य या उद्देश्य होना जरुरी है , यह हमारे लिए प्रेरक का कार्य करता है । अगर लक्ष्य विहीन है ,तो हमारी सफलता शंकास्पद होगी । अतः एक लक्ष्य होना अति आवश्यक है । एक से अधिक लक्ष्य होने से मन अधिक भटकता है और पढाई में मन नही लगता है ।
अब लक्ष्य निर्धारण के बाद समुचित तैयारी जरुरी है , अर्थात हमें अपने लक्ष्य के बारे में पूरी जानकारी जुटानी होगी , कि परीक्षा कैसे होगी ?
सिलेबस क्या है ?
पैटर्न किस तरह का है ?
प्रश्न किस तरह के आते है ?
पाठ्य सामग्री कहाँ से , कैसे मिलेगी ?
तैयारी की रणनीति क्या होगी ?
सफलता के लिए कितनी मेहनत जरुरी है ?
सफल लोगो की क्या रणनीति रही थी ? इत्यादि
अगर हम इन प्रश्नों के उत्तर प्राप्त कर लेते है तो , हमारी समास्या का आधा समाधान हो जायेगा । अब आधे समाधान के लिए हमें अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित करना होगा । मतलब सेल्फ मेनेजमेंट
यदि हम खुद को सही तरीके से प्रतियोगिता के हिसाब से नही ढाल पाते है, तो सफलता में संदिग्धता होगी । हमें अपनी पढाई का समय और घंटे अपनी क्षमता के अनुसार निर्धारित करने होंगे । और निर्धारित समय सरणी का द्रढ़ता के साथ पालन करना होगा । इसके लिए हम प्रेरक व्यक्तिवो , प्रेरक प्रसंगों, प्रेरक पुस्तकों आदि का सहर ले सकते है ।
पढाई करते समय ध्यान देने योग्य बाते :-
१ - पढाई हमेशा कुर्सी-टेबल पर बैठ कर ही करें , बिस्तर पर लेट कर बिलकुल भी न पढ़े । लेटकर पढने से पढ़ा हुआ दिमाग में बिलकुल नही जाता , बल्कि नींद आने लगती है ।
२ - पढ़ते समय टेलीविजन न चलाये और रेडियो या गाने भी बंद रखे ।
३ - पढाई के समय मोबाइल स्विच ऑफ़ करदे या साईलेंट मोड में रखे ," मोबाइल पढाई का शत्रु है "४ - पढ़े हुए पाठ्य को लिखते भी जाये इससे आपकी एकाग्रता भी बनी रहेगी और भविष्य के लिए नोट्स भी बन जायेंगे ।
५- कोई भी पाठ्य कम से तीन बार जरुर पढ़े ।
६ - रटने की प्रवृत्ति से बचे , जो भी पढ़े उस पर विचार मंथन जरुर करें ।
७ - शार्ट नोट्स जरुर बनाये ताकि वे परीक्षा के समय काम आये ।
८- पढ़े हुए पाठ्य पर विचार -विमर्श अपने मित्रो से जरुर करें , ग्रुप डिस्कशन पढाई में लाभदायक होता है।९ - पुराने प्रश्न पत्रों के आधार पर महत्वपूर्ण टोपिक को छांट ले और उन्हें अच्छे से तैयार करें ।
१० - संतुलित भोजन करें क्योंकि ज्यादा भोजन से नींद और आलस्य आता है , जबकि कब भोजन से पढने में मन नही लगता है ,और थकावट, सिरदर्द आदि समस्याएं होती है ।
११- चित्रों , मानचित्रो , ग्राफ , रेखाचित्रो आदि की मदद से पढ़े । ये अधिक समय तक याद रहते है ।
१२- पढाई में कंप्यूटर या इन्टरनेट की मदद ले सकते है ।
इस तरह से आप पढाई में मन लगा सकते है , अगर फिर भी पढाई में मन नही लगता तो आप टिपण्णी में अपनी समस्या लिख सकते है । आपकी सफलता की कामना के साथ आपका
Sunday, June 12, 2016
Tuesday, March 29, 2016
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